मार्च 30, 2010
ख्वाब तुम्हारा तोड़ दूं
लाओ मैं ही ख्वाब तुम्हारा तोड़ दूं,
बेवफा होकर दिल तुम्हारा तोड़ दूं|
अपने ही तो जलाते हैं जिस्म चिता में,
मैं ख्याल बनकर ज़हन तुम्हारा छोड़ दूं|
फिर तुम्हे मिले ना मिले कोई रहनुमा,
आज मैं ही रास्ता तुम्हारा मोड़ दूं|