मार्च 31, 2010
फर्क तो है
मुझमें और तुझमें फर्क तो है,
मुझे तुझसा कोई दर्द तो है|
तू देखता है जिंदिगी लम्हा लम्हा,
मुझ पर जिंदिगी का क़र्ज़ तो है|
मुझमें और तुझमें फर्क तो है…
तु ने बहाए हैं जो थोड़े अश्क मेरे,
मुझे इस बात का थोडा हर्ज तो है|
मुझमें और तुझमें फर्क तो है…
इतनी धुप की साया भी उबलता है,
मुझमें तेरे मासूम प्यार की सर्द तो है|
मुझमें और तुझमें फर्क तो है…
क्या कोई दिल से जीता है यहाँ,
हर शख्स के पास निभाने को फ़र्ज़ तो है|
मुझ में तुझ में फर्क तो है…
दे दे ज़हर तो हो इसका इलाज चारागाह,
जान के साथ जाए ऐसा ये मर्ज़ तो है|