मार्च 1, 2013
शर्त
मिलता है मगर बिछड़ने की शर्त पर,
जिंदा तो है मगर मरने की शर्त पर |
जिंदिगी तेरी अदा है या बेबसी मेरी,
होसला मिलता है मगर डरने की शर्त पर |
जिंदा तो है मगर मरने की शर्त पर…
पल दो पल से ज़्यादा कहीं भी रुकता नहीं,
वक्त अच्छा आता है गुजरने की शर्त पर |
जिंदा तो है मगर मरने की शर्त पर…
ये रिहाई भी क्या कोई रिहाई है सितमगर,
परिंदा आज़ाद किया पंख कतरने की शर्त पर |
जिंदा तो है मगर मरने की शर्त पर….
फिर किस बात का भरोसा करिये ‘वीर’,
वो वादा भी करते हैं मुकरने की शर्त पर |