दिसम्बर 22, 2009
तुम आज आओ ना
तुम आज आओ ना, जैसे हमेशा आते हो|
तन्हाई को सजाओ ना, जैसे हमेशा सजाते हो|
तुम्हारे बिन भूल रहा हूँ मायने जिन्दिगी के,
फिर मुझे याद दिलाओ ना, जैसे हमेशा दिलाते हो|
तुम आज आओ ना, जैसे हमेशा आते हो…
रूठी नींद करवट लेकर सो गयी है रातों से,
मुझे दामन में सुलाओ ना, जैसे हमेशा सुलाते हो|
तुम आज आओ ना, जैसे हमेशा आते हो…
ख़ामोशी का ज़हर लिपटा है हवाओं के सीने में,
मुझे करीब बुलाओ ना, जैसे हमेशा बुलाते हो|
तुम आज आओ ना, जैसे हमेशा आते हो…
क्या-क्या ना गुम्मा हो चले हैं मेरे दिल को हिज्र में,
उसे असलियत दिखाओ ना, जैसे हमेशा दिखाते हो|
तुम आज आओ ना, जैसे हमेशा आते हो…