दिसम्बर 14, 2009
याद है मुझको
छत पे सितारों की आराईश, याद है मुझको,
सूखे फर्श पे, यादों की बारिश, याद है मुझको|
हातों पे बिखरी लकीरों का सबब मुझको नहीं,
मुक्कदर की वो हसीन साज़िश, याद है मुझको|
दीवारों पे लटके ख्वाबों पे गर्द है लेकिन,
दिल की हर ख्वाइश, याद है मुझको|
यूँ तो ज़ीस्त से कोई मरासिम नहीं ‘वीर’,
आपकी आखरी गुजारिश, याद है मुझको|